IMF and Niti Aayog: India becomes the 4th largest economy in the world
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| India overtakes Japan as the world's fourth-largest economy |
आर्थिक वृद्धि के प्रमुख कारण
भारत की इस सफलता के पीछे कई प्रमुख कारण हैं:
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मजबूत घरेलू खपत: जब देश की जनता खुद अपने देश में बने सामान और सेवाओं को अधिक मात्रा में खरीदती है, तो उसे "घरेलू खपत" कहा जाता है। भारत में विशाल जनसंख्या और बढ़ती मध्यम वर्गीय आय के चलते लोग ज़्यादा खर्च करने लगे हैं – जैसे: मोबाइल, वाहन, ऑनलाइन शॉपिंग, ट्रैवल, फूड डिलीवरी आदि। यह कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है, जिससे नौकरियां बनती हैं, टैक्स कलेक्शन बढ़ता है और GDP तेज़ी से बढ़ती है। ये "घरेलू खपत" भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुकी है।
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सकारात्मक व्यापार माहौल: सरकार द्वारा GST, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसी योजनाएं लाई गईं जिससे बिज़नेस करना आसान हुआ। इसके अलावा ऑनलाइन सिस्टम्स, टैक्स सुधार और निवेशकों को आकर्षित करने वाली नीतियों ने व्यापार के माहौल को सुधारा है। विदेशी कंपनियाँ भारत में निवेश करने लगी हैं, जैसे Apple, Amazon, Google, Tesla जैसी कंपनियाँ भी अब भारत में अपने ऑपरेशंस बढ़ा रही हैं। इससे देश को विदेशी पूंजी (FDI) मिल रही है और रोज़गार भी बढ़ रहा है।
उद्योग और सेवा क्षेत्र में विकास: भारत का IT सेक्टर, टेलीकॉम, बैंकिंग, हेल्थकेयर, रिटेल, और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र लगातार तेजी से बढ़ रहा है। खासकर आईटी सेवाओं (जैसे TCS, Infosys, Wipro) ने दुनियाभर में भारत की पहचान बनाई है। सेवा क्षेत्र अब भारत के GDP में सबसे बड़ा योगदान दे रहा है। इसके साथ ही मैन्युफैक्चरिंग (जैसे ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स) और निर्यात क्षेत्र में भी तेज़ी आई है।
यह ग्राफ भारत की अर्थव्यवस्था को चौथे स्थान तक पहुँचाने में तीन मुख्य कारकों का योगदान दिखाता है:
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घरेलू खपत (35%) – भारत की बड़ी आबादी और बढ़ती मिडिल क्लास की वजह से घरेलू मांग तेजी से बढ़ी है। लोग पहले से ज़्यादा खर्च कर रहे हैं, जिससे आर्थिक गतिविधियाँ तेज़ हुई हैं।
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व्यापार माहौल में सुधार (30%) – सरकार द्वारा किए गए सुधार, जैसे "ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस", मेक इन इंडिया, और डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों ने व्यापार को आसान और आकर्षक बनाया है।
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सेवा और उद्योग क्षेत्र (35%) – आईटी, टेलीकॉम, मैन्युफैक्चरिंग और अन्य सेवाओं में निरंतर वृद्धि ने GDP को तेज़ी से बढ़ाने में मदद की है।


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