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Eli Lilly and API Launch ‘Obesity Gurukul’ to Transform Obesity Care in India

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नई दिल्ली: भारत में मोटापे के बढ़ते मामलों और इससे जुड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों को देखते हुए, एली लिली एंड कंपनी ( इंडिया ) ने एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया (एपीआई) के सहयोग से ‘ ओबेसिटी गुरुकुल ’ नामक एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। यह भारत में मोटापे की देखभाल और प्रबंधन को बेहतर बनाने की दिशा में अपनी तरह का पहला व्यापक और संरचित सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) कार्यक्रम है। भारत में लगभग 10 करोड़ लोग मोटापे से ग्रस्त हैं, और 2023 में वयस्कों में मोटापे की दर लगभग 6.5% दर्ज की गई थी। विशेषज्ञों के अनुसार, मोटापा अब केवल जीवनशैली से जुड़ी समस्या नहीं, बल्कि एक गंभीर बीमारी बन चुका है, जिसका शरीर और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। क्या है ‘ओबेसिटी गुरुकुल’? ‘ओबेसिटी गुरुकुल’ पारंपरिक भारतीय गुरुकुल पद्धति से प्रेरित होकर डिजाइन किया गया है, जिसमें सीखने और मार्गदर्शन की संस्कृति को महत्व दिया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत: 10+ शहरों में 20,000 से अधिक डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। एपीआई राज्य इकाइयों द्वारा प्रत्यक्ष शैक्षणिक सत्र ...

New Tech Tracks Blood Sodium Without Needles: Revolutionary Study

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New tech tracks blood sodium without the need for invasive procedures, thanks to a breakthrough method developed by scientists using terahertz radiation and optoacoustic detection . This advanced approach enables real-time sodium monitoring through the skin, eliminating the need for drawing blood. The new tech tracks blood sodium by bypassing traditional challenges such as interference from water in biological tissues. The innovation paves the way for safer and faster diagnostics, especially for conditions like dehydration, kidney disease , and neurological or endocrine disorders . How the Technology Works The new tech tracks blood sodium using terahertz radiation , which lies between microwaves and the mid-infrared spectrum. This form of radiation is non-harmful , offers better tissue penetration than visible light, and is extremely sensitive to biological changes. According to Zhen Tian , research team leader from Tianjin University, China , the main hurdles in biomedical tera...

Cryonics: जानें जीवन के बाद अमरता की तकनीक!

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Cryonics आज की दुनिया में विज्ञान और कल्पना के बीच खड़े उस पुल की तरह है जो मृत्यु के बाद जीवन की उम्मीद देता है। Cryonics वह प्रक्रिया है जिसमें इंसान के मृत शरीर को -196°C पर सुरक्षित रखा जाता है, इस उम्मीद में कि भविष्य की तकनीक उसे फिर से जीवन दे सकेगी। Human body preserved in Cryonics chamber with liquid nitrogen for future revival इस ब्लॉग में आप जानेंगे, Cryonics क्या है, कैसे काम करता है, इसकी शुरुआत कब हुई, किन लोगों ने इसे अपनाया, और क्या यह वाकई में किसी को अमर बना सकता है। यह पूरा लेख 100% तथ्य पर आधारित है और आपके सभी सवालों का जवाब देगा। Cryonics क्या है? Cryonics एक विज्ञान आधारित प्रक्रिया है जिसमें किसी मृत व्यक्ति के शरीर को बहुत कम तापमान पर संरक्षित किया जाता है , आमतौर पर -196°C पर Liquid Nitrogen में। इसका उद्देश्य है कि भविष्य में जब चिकित्सा और जैव तकनीक इतनी विकसित हो जाए कि मृत्यु का इलाज संभव हो, तो उस शरीर को फिर से जीवित किया जा सके। Cryonics का मतलब है — “आज के मृत को भविष्य में जीवन देने की कोशिश।” Cryonics कैसे काम करता है? Cryonics प्रक्रिया निम्नल...

Near Death Experience (NDE): रहस्यमयी अनुभव जो जीवन बदल दे

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Near Death Experience का गहराई से विश्लेषण: असली घटनाएं, विज्ञान और अध्यात्म की दृष्टि से समझें कैसे यह अनुभव जीवन को बदल देता है।..... परिचय: Near Death Experience ( NDE ) एक रहस्यमयी, अलौकिक और वैज्ञानिक रूप से अध्ययन किया गया अनुभव है जो उन लोगों को होता है जो मृत्यु के बहुत करीब पहुंच चुके होते हैं। यह अनुभव उनके लिए जीवन का उद्देश्य, आत्मा और मृत्यु के बारे में एक नई दृष्टि लेकर आता है। आइए, विस्तार से समझते हैं कि NDE क्या होता है, इसके प्रकार, अनुभव, उदाहरण और आध्यात्मिक तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या कहते हैं। Near Death Experience के दौरान शरीर से बाहर जाने का अनुभव NDE क्या है? यह वह अनुभव होता है जब कोई व्यक्ति क्लिनिकली मृत घोषित हो जाता है लेकिन फिर से जीवित हो जाता है और अपने उस अनुभव को याद रखता है। इसमें अक्सर तेज प्रकाश, आत्मा का शरीर से बाहर जाना, दिव्य उपस्थिति महसूस होना और जीवन की फिल्म जैसे दृश्य शामिल होते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण: मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी Temporal Lobe की सक्रियता DMT जैसे रसायनों की रिहाई NDE के आम अनुभव: अनुभव        ...

चावल का पानी से बाल बढ़ाना: विशेषज्ञों ने बताए इसके फायदे और सावधानियाँ

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चावल का पानी से बाल बढ़ाना आजकल सौंदर्य जगत में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यह पारंपरिक उपाय अब एक ट्रेंडिंग हेयर ट्रीटमेंट बन गया है जिसे लंबे, मजबूत और चमकदार बालों के लिए अपनाया जा रहा है। लेकिन क्या वाकई चावल का पानी से बाल बढ़ाना संभव है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हेयर स्टाइलिस्ट जेनिफर कोराब और त्वचा विशेषज्ञ डॉ. योरम हार्थ से बातचीत की गई। चावल के पानी से बाल धोते समय महिला – प्राकृतिक बालों की देखभाल चावल का पानी क्या है? चावल का पानी वह स्टार्चयुक्त पानी होता है जो चावल धोने या भिगोने के बाद बचता है। जितना यह दूधिया और गाढ़ा दिखता है, उतना अधिक इसमें पोषक तत्व होते हैं। जापान के हियन काल (794-1185) में महिलाएं चावल के पानी से अपने लंबे बालों को धोती थीं।  चावल का पानी से बाल बढ़ाना न केवल बालों को लंबा करता है बल्कि उन्हें मोटा, चमकदार और मजबूत भी बनाता है। चावल के पानी के फायदे तेजी से बढ़ने वाले बाल:-   चावल का पानी से बाल बढ़ाना इसलिए संभव है क्योंकि इसमें एमिनो एसिड्स होते हैं जो बालों की जड़ों को मजबूत बनाते हैं और उनके पुनर्जनन में मदद करते हैं। इसमें...