विश्व सांस्कृतिक विविधता दिवस 21 May: एकता में अनेकता का उत्सव
नई दिल्ली, 21 मई 2025: हर साल 21 मई को दुनियाभर में विश्व सांस्कृतिक विविधता दिवस (World Day for Cultural Diversity for Dialogue and Development) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य है अलग-अलग संस्कृतियों, परंपराओं, भाषाओं और विश्वासों के बीच सह-अस्तित्व, संवाद और सम्मान को बढ़ावा देना।
दुनिया की विविधता को मनाने का दिन
इस दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र (UN) और यूनेस्को (UNESCO) ने 2002 में की थी। इससे एक साल पहले, 2001 में यूनेस्को ने "Universal Declaration on Cultural Diversity" को अपनाया था, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि सांस्कृतिक विविधता मानवता की साझा धरोहर है। दुनिया भर के देश इस दिन को लोकल भाषा, कला, परंपरा और सांस्कृतिक संवाद के कार्यक्रमों के ज़रिए मनाते हैं।
भारत में विविधता की पहचान
देशभर के स्कूलों, विश्वविद्यालयों, और सांस्कृतिक संस्थानों में इस मौके पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं:
-
लोकनृत्य और संगीत प्रस्तुतियां
-
भाषा और संस्कृति पर आधारित प्रदर्शनी
-
छात्र संवाद कार्यक्रम, जहाँ अलग-अलग राज्यों के युवा अपनी संस्कृति साझा करते हैं
-
थीम आधारित भाषण और पोस्टर प्रतियोगिताएं
संवाद और सहिष्णुता की आवश्यकता
"विकास के लिए सिर्फ आर्थिक संसाधनों की नहीं, एक-दूसरे को समझने की ज़रूरत होती है। सांस्कृतिक संवाद इसी की कुंजी है।" – प्रो. सीमा राठी, संस्कृति विशेषज्ञ
विश्व सांस्कृतिक विविधता दिवस की थीम हर साल अलग होती है, लेकिन उद्देश्य एक ही रहता है, संस्कृति के माध्यम से शांति, सहयोग और विकास को बढ़ावा देना। विश्व सांस्कृतिक विविधता दिवस न केवल हमारी संस्कृति और परंपराओं को सम्मान देने का दिन है, बल्कि यह मानवता के साझा भविष्य को मजबूत करने की एक कोशिश भी है। भारत जैसे देश के लिए, जहाँ विविधता ही पहचान है, यह दिन एक जिम्मेदारी और उत्सव दोनों है।


टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें