सिक्किम राज्य दिवस (Sikkim State Day): भारत के शांत, सुंदर और जैविक राज्य की गौरवगाथा
इस लेख में हम जानेंगे सिक्किम के इतिहास, राज्य दिवस के महत्व, सांस्कृतिक पहचान और आज के समय में इसकी उपलब्धियों के बारे में।
सिक्किम: हिमालय की गोद में बसा रत्न
सिक्किम भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित एक छोटा लेकिन अत्यंत खूबसूरत राज्य है। यह पश्चिम बंगाल, भूटान, नेपाल और तिब्बत की सीमाओं से घिरा हुआ है।
यह राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण, जैविक खेती, और बौद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है। सिक्किम की राजधानी गंगटोक है, और राज्य में लगभग 6 लाख की आबादी है।
इतिहास की झलक: एक रियासत से भारतीय राज्य तक
सिक्किम का इतिहास बहुत पुराना और समृद्ध है। 1642 में यहां की पहली बौद्ध राजशाही की स्थापना हुई थी। 19वीं शताब्दी में सिक्किम ब्रिटिश भारत का संरक्षित राज्य बन गया।
1947 में भारत की आज़ादी के बाद भी सिक्किम एक स्वतंत्र रियासत बना रहा, लेकिन 1950 में भारत और सिक्किम के बीच एक विशेष संधि हुई, जिसके तहत भारत ने सिक्किम की रक्षा, संचार और विदेश मामलों की ज़िम्मेदारी ली।
1973 में सिक्किम में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी और जनता ने लोकतंत्र की मांग की। इसके बाद भारत सरकार ने हस्तक्षेप किया और जनमत संग्रह (Referendum) कराया गया।
इस जनमत संग्रह में 97% लोगों ने भारत में शामिल होने के पक्ष में वोट दिया। इसके परिणामस्वरूप 16 मई 1975 को सिक्किम को भारतीय गणराज्य का पूर्ण राज्य घोषित किया गया।
राज्य दिवस: गौरव और उत्सव का दिन
हर साल 16 मई को Sikkim Statehood Day को बड़े हर्षोल्लास और गर्व के साथ मनाया जाता है। इस दिन राज्य में:
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सरकारी समारोह और परेड का आयोजन होता है
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मुख्यमंत्री और राज्यपाल द्वारा भाषण दिए जाते हैं
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स्थानीय सांस्कृतिक कार्यक्रम, पारंपरिक नृत्य और संगीत प्रस्तुत किया जाता है
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उत्कृष्ट सेवा देने वाले नागरिकों को सम्मानित किया जाता है
यह दिन राज्य की एकता, सांस्कृतिक पहचान और भारतीय गणराज्य में उसके योगदान को याद करने का अवसर होता है।
आज का सिक्किम: स्वच्छता, जैविक खेती और पर्यटन का ब्रांड
सिक्किम राज्य दिवस का संदेश
जय सिक्किम! जय भारत!
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