ETGE ने चीन की उइगर दमन नीति के खिलाफ उठाई आवाज, G7 देशों से ठोस कार्रवाई की मांग
वॉशिंगटन डीसी [अमेरिका], 20 जून 2025: ईस्ट तुर्किस्तान सरकार-इन-एग्जाइल (ETGE) ने ग्रुप ऑफ सेवन (G7) नेताओं के ट्रांसनेशनल रिप्रेशन (Transnational Repression - TNR) पर लिए गए स्टैंड का स्वागत किया है। ETGE ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि चीन सरकार द्वारा उइगर और ईस्ट तुर्किस्तानी डायस्पोरा समुदायों पर किए जा रहे गोपनीय दमन, एजेंटों के माध्यम से निगरानी, धमकियों, ‘लॉफेयर’ रणनीति और मनोवैज्ञानिक युद्ध को तुरंत रोकने की वैश्विक कोशिश शुरू की जानी चाहिए।
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ETGE के अनुसार, पिछले तीन दशकों से चीन की स्टेट सिक्योरिटी मिनिस्ट्री (MSS), यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट (UFWD) और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने ईस्ट तुर्किस्तान की स्वतंत्रता की कोशिशों को दबाने के लिए एक संगठित और दस्तावेजीकृत योजना के तहत कार्य किया है।
चीन द्वारा अपनाई गई रणनीति CCP के सेंट्रल डॉक्यूमेंट नंबर 7 (1996) में स्पष्ट रूप से दर्ज है, जिसमें “बाहरी अलगाववादी ताकतों को बांटो, उनमें से अधिकांश को अपने पक्ष में करो और शेष को अलग-थलग कर मुकाबला करो” जैसी नीतियां शामिल हैं। यही रणनीति आज उइगर डायस्पोरा संगठनों में एजेंटों की घुसपैठ, सामाजिक और राजनीतिक मतभेद पैदा करना, और स्वतंत्रता आंदोलन की आवाज को कुचलने में इस्तेमाल हो रही है।
डिलशात रेशित की गिरफ्तारी से हुआ खुलासा
ETGE ने अप्रैल 2025 में वर्ल्ड उइगर कांग्रेस (WUC) के संस्थापक सदस्य और प्रवक्ता डिलशात रेशित की गिरफ्तारी को भी याद किया, जिन्हें एक चीनी एजेंट के रूप में उजागर किया गया। यह गिरफ्तारी ETGE की उस चेतावनी की पुष्टि है जिसमें कहा गया था कि चीन ने उइगर संगठनों में अपने गुप्त एजेंट भेजे हैं ताकि आंदोलन को अंदर से कमजोर किया जा सके।
सालिह हुडायार का उत्पीड़न
2018 में ETGE के विदेश मंत्री सालिह हुडायार को व्हाइट हाउस के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान झूठे आरोपों के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। उन पर "आतंकवाद" और "इस्लाम विरोधी घृणा अपराध" जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे, जिन्हें 2022 में खारिज कर दिया गया। ETGE का कहना है कि ये आरोप चीन समर्थित व्यक्तियों द्वारा लगाए गए थे, ताकि हुडायार की छवि खराब कर आंदोलन को कमजोर किया जा सके।
हुडायार ने कहा, “मेरे खिलाफ की गई कार्यवाही कानून का दुरुपयोग नहीं बल्कि ट्रांसनेशनल रिप्रेशन का उदाहरण थी, जो चीन द्वारा डायस्पोरा संगठनों में घुसपैठ कर चलाई जा रही है।”
वैश्विक मांगें और समाधान
ईस्ट तुर्किस्तान की निर्वासित सरकार (ETGE) ने लोकतांत्रिक देशों से अपील की है कि वे चीन की ट्रांसनेशनल रिप्रेशन नीति के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करें। ETGE ने मांग की है कि उइगर और ईस्ट तुर्किस्तानी प्रवासी संगठनों में विदेशी (विशेष रूप से चीनी) हस्तक्षेप और घुसपैठ की गहन जांच करवाई जाए। साथ ही अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) और विश्व न्यायालय (World Court) में चीन के खिलाफ चल रहे नरसंहार के मामलों पर कानूनी कार्यवाही शुरू की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रांसनेशनल रिप्रेशन में शामिल चीनी एजेंटों की पहचान कर उन्हें कानून के तहत सख्त सजा दी जाए। ETGE ने उन संगठनों और व्यक्तियों की फंडिंग रोकने की मांग की है जो चीन के प्रभाव में आकर काम कर रहे हैं या उइगर स्वतंत्रता आंदोलन को दबाने में भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा, निर्वासित उइगर समुदायों और स्वतंत्रता समर्थक आंदोलनों को राजनीतिक उत्पीड़न से सुरक्षा देने के लिए कानूनी और नीतिगत उपाय लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। अंततः, ETGE ने ईस्ट तुर्किस्तान को एक "अधिकृत क्षेत्र" के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता देने और इसके वैध निर्वासित प्रतिनिधियों के साथ सहयोग की भी मांग की है।शांतिपूर्ण संघर्ष की प्रतिबद्धता
ETGE ने दोहराया कि वह अपने स्वतंत्रता आंदोलन को शांतिपूर्ण और वैधानिक तरीके से ही आगे बढ़ाएगा। साथ ही, चीन के ट्रांसनेशनल दमन, प्रभाव संचालन और खुफिया नेटवर्क को उजागर करने और समाप्त करने के लिए सहयोगी देशों के साथ काम करने को तैयार है।

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