ईरान पर इज़राइल का हवाई हमला, दो शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौत, जवाबी ड्रोन हमले शुरू
दुबई (AP): पश्चिम एशिया में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। इज़राइल ने शुक्रवार तड़के ईरान की राजधानी तेहरान और अन्य सैन्य ठिकानों पर बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें ईरान के प्रमुख परमाणु कार्यक्रम और मिसाइल प्रणाली को निशाना बनाया गया। यह हमला ईरान और इज़राइल के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव में सबसे बड़ा माना जा रहा है, जिसमें ईरान के दो शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए हैं।
ईरान की सरकारी मीडिया ने पुष्टि की है कि रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख जनरल होसैन सलामी और ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद बाघेरी इस हमले में मारे गए हैं। इसके अलावा, कई अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिकों की मौत की भी खबरें हैं।
इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले को 'राष्ट्र की सुरक्षा के लिए ज़रूरी कदम' बताया। उन्होंने कहा कि "यह हमला ईरान के परमाणु बम बनाने के खतरे को रोकने के लिए जरूरी था। हमारी लड़ाई ईरानी जनता से नहीं, बल्कि उस बर्बर तानाशाही शासन से है जो उन्हें 46 वर्षों से दबा रहा है।"
अमेरिका ने झाड़ा पल्ला
व्हाइट हाउस ने बयान जारी करते हुए कहा कि अमेरिका इस हमले में शामिल नहीं था और वह अपने सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बताया कि इज़राइल ने अकेले यह कार्रवाई की है और अमेरिका को पहले से इसकी जानकारी दी गई थी।
वाशिंगटन ने पहले ही बगदाद स्थित अपने दूतावास से कुछ राजनयिकों को हटा लिया था और मध्य पूर्व में तैनात अमेरिकी सैनिकों के परिवारों के लिए स्वैच्छिक निकासी की अनुमति दे दी थी।
जवाब में ईरान ने छोड़े 100 से अधिक ड्रोन
ईरान ने हमले के तुरंत बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए इज़राइल की ओर 100 से अधिक ड्रोन छोड़े। इज़राइली सेना के मुताबिक इन ड्रोन को इज़राइल की सीमा के बाहर ही इंटरसेप्ट कर लिया गया। इराक और जॉर्डन की वायु सेनाओं ने भी कई ड्रोन और मिसाइलों को अपने क्षेत्र में गिरने से रोका।
हमले में किन-किन ठिकानों को बनाया गया निशाना?
इज़राइली वायुसेना के 200 से अधिक विमानों ने 100 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें ईरान का प्रमुख यूरेनियम संवर्धन केंद्र 'नतान्ज़', रडार सिस्टम, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल लॉन्चर और सैन्य संचार केंद्र शामिल थे। इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की है कि इज़राइली हमले से 'नतान्ज़' केंद्र प्रभावित हुआ है और वह रेडिएशन स्तर की निगरानी कर रही है।
जनमानस और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इज़राइल में इस कार्रवाई को लेकर आम जनमानस में गुस्सा और समर्थन दोनों देखने को मिल रहा है। विपक्षी नेता यायर लैपिड ने भी नेतन्याहू को समर्थन दिया, लेकिन चेताया कि यदि ईरान की जवाबी कार्रवाई में भारी नागरिक नुकसान होता है तो जनमत बदल सकता है।
तेल की कीमतों में उछाल और हवाई क्षेत्र बंद
इस हमले के बाद ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में 8% की तेज़ उछाल आई है। साथ ही, इज़राइल, ईरान, इराक और जॉर्डन ने अपने-अपने हवाई क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।
हमला एक व्यापक युद्ध की शुरुआत का संकेत हो सकता है। ईरान ने चेतावनी दी है कि इज़राइल को इस "रक्तरंजित अपराध" की कड़ी सज़ा दी जाएगी। दूसरी ओर, नेतन्याहू ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि ज़रूरत पड़ी तो और भी हमले किए जाएंगे।



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