Israel Iran War में बमबारी, कूटनीति और चेतावनी तेज
Israel Iran War अब अपने दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर चुका है और दोनों देशों के बीच हवाई हमलों, परमाणु विवाद और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का तीखा संग्राम छिड़ चुका है। इस युद्ध की शुरुआत 13 जून को इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बमबारी के साथ हुई थी, जिसके बाद ईरान ने भारी जवाबी हमले किए।
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| इराक के एक शिया धर्मगुरु ने ईरान के कई शहरों पर इजरायल के हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का चित्र पकड़ा हुआ है। |
Israel Iran War में नई बमबारी और धमाकेदार कार्रवाई
इजराइल की सेना ने शुक्रवार को बताया कि उसने 60 से अधिक लड़ाकू विमानों के माध्यम से ईरान में मिसाइल निर्माण केंद्रों और सैन्य अनुसंधान एजेंसी SPND के मुख्यालय को निशाना बनाया। इन हमलों का उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकना और उसकी मिसाइल क्षमता को कमजोर करना था।
इजरायली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एएफी डेफ्रिन ने कहा:
"Israel Iran War के एक सप्ताह बाद हम अपने हवाई अभियान को और भी तेज कर रहे हैं। हमारे पास अब भी तेहरान और पश्चिमी ईरान में कई लक्ष्य हैं।"
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| इजराइल के बीर्शेबा में ईरान से दागी गई मिसाइल की चपेट में आने के बाद सोरोका अस्पताल परिसर की एक इमारत से धुआं उठता हुआ |
ईरान और इजरायल दोनों में नागरिक प्रभावित
Israel Iran War के चलते दोनों देशों में नागरिक भी प्रभावित हो रहे हैं। दक्षिणी इजराइल के शहरों में रॉकेट हमले से एक छह मंजिला इमारत समेत कई संरचनाएं क्षतिग्रस्त हुईं। पांच लोगों को मामूली चोटें, धुएं की वजह से सांस लेने में दिक्कत और मानसिक तनाव का इलाज दिया गया।
एक दिन पहले, इजराइल के बेयरशेवा स्थित सोरोका मेडिकल सेंटर पर ईरानी मिसाइल हमला हुआ, जिसमें 80 मरीज और स्वास्थ्यकर्मी घायल हो गए।
इजरायली रक्षा मंत्री की चेतावनी
Israel Iran War में इजरायली रक्षा मंत्री इसराइल कात्ज़ ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को सीधे निशाने पर लिया। उन्होंने कहा:
"हमारी सेना को स्पष्ट आदेश दिया गया है कि इस युद्ध में अपने सभी लक्ष्य हासिल करने के लिए यह व्यक्ति जीवित नहीं रहना चाहिए।"
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के समर्थन पर भरोसा जताते हुए कहा, “मैं जानता हूं कि ट्रंप अमेरिका के हित में फैसला लेंगे।”
अमेरिका की भूमिका और ट्रंप का फैसला
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप Israel Iran War में अमेरिका की सैन्य भागीदारी पर विचार कर रहे हैं। वे ईरान के फ़ोर्डो यूरेनियम समृद्धि केंद्र पर "बंकर बस्टर" बम से हमला करने के विकल्प पर निर्णय लेने वाले हैं। उन्होंने कहा कि अगले दो हफ्तों में अमेरिका की भूमिका तय की जाएगी, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नई बातचीत की संभावना पर निर्भर करेगा।
कूटनीतिक प्रयास और बाधाएं
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराकची को जेनेवा जाते देखा गया है, जहाँ वे ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और यूरोपीय संघ के शीर्ष अधिकारियों से मिल सकते हैं। हालांकि अराकची ने बयान दिया कि "जब तक इजरायल हमले जारी रखेगा, तब तक कोई बातचीत नहीं होगी।"
उन्होंने अमेरिका को "इजरायल का सहयोगी" बताते हुए इस युद्ध के लिए भी जिम्मेदार ठहराया।
Israel Iran War में अब तक की स्थिति
एक हफ्ते में हुए हमलों में ईरान में 657 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 263 आम नागरिक हैं। 2,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। वहीं, ईरान द्वारा इजराइल पर 450 मिसाइलें और 1,000 ड्रोन दागे गए, जिनमें से अधिकांश को इजराइली वायु रक्षा प्रणाली ने रोक लिया, लेकिन 24 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हुए।
परमाणु कार्यक्रम पर टकराव
ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, लेकिन वह 60% तक यूरेनियम समृद्ध कर रहा है, जो हथियारों के लिए आवश्यक 90% स्तर से सिर्फ एक कदम दूर है।
दूसरी ओर, इजरायल ने अपने परमाणु कार्यक्रम को कभी आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया, लेकिन माना जाता है कि वह पश्चिम एशिया का एकमात्र परमाणु संपन्न देश है।
इजरायल की अगली रणनीति
Israel Iran War में इजराइल ने ईरान के नटांज़, इस्फहान, तेहरान के पास के सेंट्रीफ्यूज वर्कशॉप्स और बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्चर को तबाह किया है। इससे ईरानी हमलों में धीरे-धीरे कमी आई है।
Israel Iran War ने पूरे मध्य-पूर्व में अस्थिरता पैदा कर दी है। दोनों देशों के बीच बमबारी के साथ-साथ कूटनीति की जटिलताओं ने वैश्विक राजनीति को भी प्रभावित किया है। आने वाले दिनों में ट्रंप का फैसला, यूरोपीय वार्ता और ईरान की प्रतिक्रिया इस युद्ध की दिशा तय करेंगे।
Source | AP News


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