प्रधानमंत्री मोदी ने क्रोएशियाई राष्ट्रपति को पत्ताचित्र पेंटिंग और प्रधानमंत्री प्लेंकोविक को चांदी का कैंडलस्टैंड भेंट किया
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| pattachitra painting and silver candle stand |
राजस्थान की पारंपरिक कला की झलक - चांदी का कैंडलस्टैंड
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा क्रोएशिया के प्रधानमंत्री प्लेंकोविक को उपहार स्वरूप दिया गया यह चांदी का कैंडलस्टैंड राजस्थान की पारंपरिक धातु कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह हस्तनिर्मित कैंडलस्टैंड कुशल कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है, जिसमें फूलों और ज्यामितीय डिजाइनों की सुंदर नक्काशी की गई है। इसकी सुरुचिपूर्ण आकृति और बारीक डिजाइन इसे एक शाही और कालातीत रूप प्रदान करते हैं।
राजस्थान के उदयपुर और जयपुर जैसे शहर विश्व प्रसिद्ध हैं अपनी चांदी की कारीगरी के लिए। इन कलाकृतियों की डिजाइनों में अक्सर महलों और मंदिरों से प्रेरणा ली जाती है। यह कैंडलस्टैंड न केवल सजावटी है बल्कि उपयोगी भी है। जब इसमें मोमबत्ती जलती है तो इसकी चमकदार चांदी एक गरमाहट और त्योहारों जैसा माहौल उत्पन्न करती है।
इसका मजबूत आधार और क्लासिक डिज़ाइन इसे आधुनिक और पारंपरिक दोनों ही घरों के लिए उपयुक्त बनाता है। चाहे खास अवसरों के लिए हो या सामान्य सजावट के लिए, यह कैंडलस्टैंड राजस्थान की सांस्कृतिक समृद्धि और शिल्प कौशल का प्रतीक है।
ओडिशा की पारंपरिक पेंटिंग - पत्ताचित्र का उपहार
प्रधानमंत्री मोदी ने क्रोएशिया के राष्ट्रपति जोरान मिलानोविक को जो पेंटिंग भेंट की, वह भारत के ओडिशा राज्य की पारंपरिक कला "पत्ताचित्र" का एक सुंदर उदाहरण है। "पट्टा" का अर्थ होता है कपड़ा और "चित्र" का मतलब होता है चित्र। यह कला कपड़े पर प्राकृतिक रंगों से बनाई जाती है और आमतौर पर भगवान कृष्ण और जगन्नाथ परंपरा की कहानियों को चित्रित करती है।
यह कला ओडिशा के रघुराजपुर गांव में सदियों से पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। कलाकार हाथ से बने ब्रश और प्राकृतिक रंगों का उपयोग कर बारीक रेखाएं और जटिल चित्र बनाते हैं। यह केवल सजावटी चित्र नहीं होते, बल्कि इनका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी होता है।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भेंट की गई पत्ताचित्र पेंटिंग में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े कई प्रसंग चित्रित किए गए हैं - जैसे उनका बचपन, रासलीला और गोवर्धन पर्वत उठाना। प्रत्येक चित्र को पारंपरिक पुष्प सीमाओं से सजाया गया है जो इस कला की पहचान है।
भारत-क्रोएशिया संबंधों को मिला नया आयाम
प्रधानमंत्री मोदी ने क्रोएशिया के राष्ट्रपति जोरान मिलानोविक से बुधवार को मुलाकात की और भारत-क्रोएशिया मैत्री के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने पोस्ट कर बताया,
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी और उनके क्रोएशियाई समकक्ष आंद्रेय प्लेंकोविक के बीच जाग्रेब में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई। भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय भागीदारी के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर विस्तृत चर्चा की।
प्रमुख सहयोग क्षेत्रों की समीक्षा
प्रधानमंत्री मोदी और क्रोएशियाई नेताओं ने व्यापार और निवेश, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रक्षा और सुरक्षा, अंतरिक्ष, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा की। साथ ही, बुनियादी ढांचा, पोर्ट्स व शिपिंग, डिजिटलाइजेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, अक्षय ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर भी सहमति जताई गई।
तीन देशों की यात्रा का अंतिम पड़ाव
प्रधानमंत्री मोदी की यह क्रोएशिया यात्रा उनके तीन देशों के दौरे का अंतिम चरण था। उन्होंने सबसे पहले साइप्रस की यात्रा की, फिर कनाडा में G7 समिट में हिस्सा लिया, और अंत में क्रोएशिया पहुंचे। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली आधिकारिक यात्रा थी।
इस दौरान क्रोएशिया की सरकार और वहां के नागरिकों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री ने इस हार्दिक स्वागत के लिए आभार जताया और कहा कि यह यात्रा भारत और क्रोएशिया के रिश्तों में एक नए अध्याय की शुरुआत है।


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