Balochistan Grenade Attack: Five Injured in Turbat, BLF Claims Responsibility for ‘Operation Bam’
बलूचिस्तान ग्रेनेड हमला बुधवार को उस समय हुआ जब तुरबत में एक घर पर मोटरसाइकिल सवार अज्ञात हमलावरों ने ग्रेनेड फेंका। इस बलूचिस्तान ग्रेनेड हमले में महिलाओं और बच्चों समेत पांच लोग घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, यह घटना मकरान डिवीजन के केच जिले के तुरबत के अब्सर इलाके में मोहम्मद यूनिस के घर पर हुई।
ग्रेनेड घर के पिछवाड़े में फटा जिससे घर का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ और पांच लोग घायल हो गए। पुलिस ने घायलों को तुरबत जिला अस्पताल पहुंचाया। घायलों की पहचान हाजरा, महलब, फातिमा, नाज गुल और मोहम्मद इब्राहिम के रूप में हुई है।
बलूचिस्तान ग्रेनेड हमला सिबी में भी, चेक पोस्ट पर हमला
एक अन्य बलूचिस्तान ग्रेनेड हमले में सिबी-हरनाई रेलवे क्रॉसिंग गेट पर स्थित पुलिस चेक पोस्ट पर ग्रेनेड फेंका गया। हालांकि, इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ और हमलावर मोटरसाइकिल से फरार हो गए। पुलिस ने दोनों बलूचिस्तान ग्रेनेड हमलों की जांच शुरू कर दी है और किसी भी संगठन ने अब तक जिम्मेदारी नहीं ली थी।
इस बीच, बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) ने मंगलवार देर रात कई सरकारी ठिकानों पर हुए समन्वित हमलों और धमाकों की जिम्मेदारी ली है। बीएलएफ ने इन हमलों को ऑपरेशन बाम (भोर) का हिस्सा बताया। इस ऑपरेशन में सैन्य चेक पोस्ट, संचार ढांचा और प्रशासनिक इमारतों को निशाना बनाया गया, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में संचार व्यवस्था बाधित हो गई।
क्षेत्र में अस्थिरता और मानवाधिकार संकट
बलूचिस्तान ग्रेनेड हमला क्षेत्र में बढ़ती अस्थिरता और लगातार जारी अलगाववादी संघर्ष की ओर संकेत करता है। बलूचिस्तान में लंबे समय से भारी सैन्य उपस्थिति, जबरन गायब किए जाने की घटनाएं, आर्थिक उपेक्षा और मानवाधिकार हनन के मामले सामने आते रहे हैं। इस कारण बलूचिस्तान अंतरराष्ट्रीय संगठनों, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का ध्यान खींचता रहा है।
बलूचिस्तान ग्रेनेड हमले के बाद सुरक्षा बलों ने केच और पंजगुर जिलों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। क्षेत्र में संचार व्यवस्था बाधित होने की वजह से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। पाकिस्तान के अधिकारियों ने अभी तक हमलों में हुए नुकसान का पूरा आंकलन नहीं किया है, लेकिन स्थानीय सूत्रों के मुताबिक हमलों से सरकारी कामकाज में व्यवधान उत्पन्न हुआ है।
बढ़ती हिंसा और सुरक्षा चुनौतियां
पिछले दो दशकों में बलूचिस्तान में बार-बार सशस्त्र विद्रोह और सरकारी कार्रवाई का दौर चलता रहा है। बलूचिस्तान ग्रेनेड हमला इस क्षेत्र की बढ़ती हिंसा और सुरक्षा चुनौतियों को उजागर करता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस प्रकार के हमले उनके जीवन में असुरक्षा की भावना पैदा कर रहे हैं और क्षेत्र की राजनीतिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बन गए हैं।


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