Pakistan Faces Global Scrutiny as Balochistan Activists Detained Under Terrorism Charges
बलूचिस्तान में राजनीतिक आवाज़ का दमन एक बार फिर चर्चा में है, जहां परिजनों, राजनीतिक दलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। The Balochistan Post की रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में कार्यकर्ताओं और छात्रों को निशाना बनाकर जबरन गुमशुदगी, लंबी हिरासत और आतंकवाद विरोधी कानूनों के दुरुपयोग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
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| Balochistan में प्रदर्शन कर रहे लोग सिराज असलम की तस्वीर लिए हुए |
पसनी में प्रदर्शन, युवक Siraj Aslam लापता
पसनी में एक युवक सिराज असलम की जबरन गुमशुदगी के विरोध में उसके परिजनों ने स्थानीय प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन किया। सिराज को 5 जुलाई की रात उसके घर से उठाया गया और उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चला। परिजनों ने सिराज की तस्वीर के साथ तख्तियां लेकर उसके तुरंत रिहाई की मांग की।
सिराज के पिता मोहम्मद असलम ने कहा, "हमारे बेटे ने कोई गलत काम नहीं किया। उसे बिना किसी कारण के ले जाया गया है और हमारा पूरा परिवार मानसिक तनाव में है।"
मानवाधिकार संगठनों की चिंता
स्थानीय मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और संगठनों ने भी इस प्रदर्शन में भाग लिया और इसे एक गंभीर मानवीय संकट बताया। उनका कहना है कि ये प्रवृत्ति वर्षों से जारी है, बावजूद इसके कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं कई बार इसपर चिंता जता चुकी हैं।
National Democratic Party (NDP) का विरोध
National Democratic Party (NDP) ने भी इस पर कड़ा बयान जारी करते हुए इसे एक "व्यवस्थित दमनात्मक रणनीति" करार दिया। पार्टी ने अपने नेता ग़नी बलोच का उदाहरण दिया जिन्हें 25 मई को खुजदार से गिरफ्तार किया गया और अब तक उनका कोई अता-पता नहीं है।
NDP का आरोप है कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया और कोर्ट के आदेश के बावजूद जांच में कोई प्रगति नहीं हुई। तीसरी बार कोर्ट में पेशी के दौरान भी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए।
DP का बयान: लोकतांत्रिक आवाज़ को दबाने की साजिश
पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, "यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है, यह पूरे बलूचिस्तान में बौद्धिक और राजनीतिक जागरूकता को कुचलने का प्रयास है। जबरन गुमशुदगी और कानूनी डराने की रणनीति अब लोकतंत्र को ही चुनौती दे रही है।"
आतंकवाद कानूनों का दुरुपयोग
NDP ने सरकार की रणनीति में बदलाव की ओर इशारा किया, जिसमें अब सार्वजनिक व्यवस्था कानून की बजाय आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। Baloch Yakjehti Committee (BYC) के सदस्यों को पहले MPO के तहत पकड़ा गया और अब बिना सबूत के आतंकवाद के आरोप लगाए जा रहे हैं।
“इन कार्रवाइयों से न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है बल्कि पाकिस्तान की न्याय प्रणाली की भी विश्वसनीयता खतरे में पड़ रही है,” NDP ने कहा।
सरकार की चुप्पी, परिवारों की बेचैनी
सरकार की ओर से अब तक इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। The Balochistan Post के अनुसार, बलूचिस्तान में राजनीतिक आवाज़ का दमन, कार्यकर्ताओं की गुमशुदगी और आतंकवाद कानूनों का प्रयोग एक राजनीतिक और संवेदनशील मुद्दा बन चुका है।
बलूचिस्तान में राजनीतिक आवाज़ का दमन और कार्यकर्ताओं की गुमशुदगी न केवल पाकिस्तान की लोकतांत्रिक छवि को चोट पहुँचा रही है, बल्कि क्षेत्रीय अस्थिरता को भी बढ़ावा दे रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, मानवाधिकार संगठन और स्थानीय संस्थाएं इस पर तत्काल ध्यान देने की मांग कर रहे हैं।


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