पाकिस्तान में बलूच छात्रों पर कार्रवाई: इस्लामाबाद में भी बलूच छात्रों को निशाना बनाया गया

इस्लामाबाद/बलूचिस्तान [पाकिस्तान]: पाकिस्तान में बलूच छात्रों और युवाओं के जबरन गायब होने की घटनाओं में तेजी आ गई है, जो बलूचिस्तान की सीमाओं से बाहर निकलकर अब राजधानी इस्लामाबाद तक पहुँच गई हैं। इन disappearances ने छात्रों, उनके परिवारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में गहरी चिंता और भय पैदा कर दिया है।


The Balochistan Post के अनुसार, इस सप्ताह तीन नए मामलों की रिपोर्ट सामने आई है, जिनमें बलूच युवाओं को कथित रूप से पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा उठा लिया गया है, जिससे असहमति और छात्र आंदोलन पर बढ़ती कार्रवाई की आशंका गहरी हो गई है।

इस्लामाबाद में क्वैद-ए-आज़म यूनिवर्सिटी के छात्र का अपहरण

इस्लामाबाद में पंजगुर जिले के सईद, पुत्र उबैदुल्लाह, जो क्वैद-ए-आज़म यूनिवर्सिटी में डिफेंस और स्ट्रेटेजिक स्टडीज़ के पांचवें सेमेस्टर के छात्र थे, इस्लामाबाद टोल प्लाजा पर plain clothes में आए लोगों द्वारा उठाए जाने के बाद लापता हो गए हैं।

बलूच स्टूडेंट्स काउंसिल इस्लामाबाद ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि यह बलूच छात्रों को राजधानी में निशाना बनाने की बढ़ती घटनाओं का हिस्सा है। काउंसिल ने fellow छात्रों, मानवाधिकार संगठनों और नागरिक समाज से सईद की सुरक्षित और शीघ्र रिहाई के लिए आवाज उठाने की अपील की है।

एक अन्य मामले में ग्वादर से एक नाबालिग अजमान, पुत्र अमीनुल्लाह, को रात 9 बजे के आसपास सुरक्षा बलों द्वारा उठा लिया गया। उसके परिवार को अब तक उसकी कोई जानकारी नहीं मिली है, और उन्होंने तुरंत रिहाई की अपील की है। परिवार उसकी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है।

इसी तरह, समीरा, पुत्र अब्दुल करीम, को इसी सप्ताह जिवानी तहसील के पनवान क्षेत्र से उठाए जाने की रिपोर्ट आई है। उनके परिवार को भी उनके ठिकाने या स्थिति की कोई जानकारी नहीं दी गई है। The Balochistan Post ने इस घटना की पुष्टि की है।

2025 में जबरन गायब करने की घटनाओं में तेज वृद्धि

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार, 2025 में बलूचिस्तान में जबरन गायब करने (enforced disappearances) की घटनाओं में तीव्र वृद्धि देखी गई है। कई परिवार प्रतिशोध के डर से चुप रहते हैं और शिकायत दर्ज नहीं कराते। हालांकि पाकिस्तानी राज्य इन घटनाओं में शामिल होने से इंकार करता है, लेकिन नागरिक समाज संगठन और The Balochistan Post लगातार छात्रों और कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से निशाना बनाए जाने की घटनाओं का दस्तावेजीकरण कर रहे हैं।

मानवाधिकार समूहों की अपील

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और बलूच छात्रों के संगठन ने इन disappearances को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन करार देते हुए अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में dissent और student activism को दबाने के लिए छात्रों और युवाओं को गायब करने की रणनीति अपनाई जा रही है, जो कि न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है बल्कि युवाओं के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ है।

बलूच स्टूडेंट्स काउंसिल और अन्य संगठनों ने सईद, अजमान और समीरा की सुरक्षित वापसी के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इन disappearances से बलूच समुदाय में भय का माहौल फैल गया है और यह बलूच युवाओं को आवाज उठाने से रोकने की रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है।

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