Taiwan Allocates 27 Billion NTD for 6G and LEO Satellite Development by 2030

Taipei: ताइवान ने अगली पीढ़ी की संचार तकनीकों में वैश्विक नेतृत्व स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 2030 तक 6G वायरलेस सेवाओं और LEO (लो-अर्थ ऑर्बिट) सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम के विकास के लिए 27 बिलियन ताइवानी डॉलर (लगभग 900 मिलियन अमेरिकी डॉलर) आवंटित किए हैं।

यह छह वर्षीय परियोजना ताइवान की अगली पीढ़ी की संचार आपूर्ति श्रृंखला में स्थिति को मजबूत करेगी, जिससे वैश्विक बाजार में देश की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। यह निर्णय राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (NSTC) द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर साप्ताहिक कैबिनेट बैठक में लिया गया, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री चो जंग-ताई ने किया।

बैठक के बाद जारी बयान में प्रधानमंत्री ने 6G और सैटेलाइट ब्रॉडबैंड प्रौद्योगिकियों में उभरती संभावनाओं का लाभ उठाने और वैश्विक संचार उद्योग में ताइवान की स्थिति सुरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह पहल ताइवान को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर आपूर्ति श्रृंखला का विश्वसनीय हिस्सा बनाएगी।

इस योजना के तहत:

  • 2030 तक व्यावसायिक 6G रोलआउट के लिए आवश्यक नियमों और कानूनों की समीक्षा और संशोधन किए जाएंगे।

  • ताइवान 6G बेस स्टेशन हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में 80% आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए अनुसंधान एवं विकास को गति देगा।

  • LEO उपग्रह संचार प्रणाली का विकास घरेलू निर्मित पुर्जों पर आधारित होगा, जिससे ताइवान की तकनीकी स्वतंत्रता बढ़ेगी।

  • 2030 तक कम से कम तीन उपग्रह संचार सेवा प्रदाताओं को आकर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।

इस परियोजना में अन्य मंत्रालयों, शिक्षाविदों और उद्योग हितधारकों से इनपुट लेकर वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी चिप्स, कंपोनेंट्स और उपकरणों के अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे ताइवान के घरेलू उद्योग को नई ऊंचाई मिलेगी और उन्नत तकनीकी आपूर्ति श्रृंखला तैयार होगी।

“ताइवान प्लस वन” रणनीति

यह कदम राष्ट्रपति लाई चिंग-ते की “ताइवान प्लस वन” रणनीति का हिस्सा है, जो अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देशों के साथ सहयोग को गहरा करने और विश्वसनीय, सुरक्षित वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को स्थापित करने पर केंद्रित है।

ताइवान पहले से ही चिप निर्माण में अग्रणी राष्ट्रों में शामिल है, और अब वह 6G और उपग्रह संचार क्षेत्र में भी वैश्विक तकनीकी नेता बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार, 6G तकनीक के सफल विकास और LEO सैटेलाइट सिस्टम की तैनाती से ताइवान न केवल अपने नागरिकों को बेहतर इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर संचार प्रौद्योगिकी क्षेत्र में रणनीतिक महत्व भी प्राप्त करेगा।

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