West Bengal Floods: Heavy Rains Cause Floods in Ghatal, 3 Dead Including 7-Year-Old Girl
पश्चिम मेदिनीपुर (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल में मानसून के दौरान लगातार भारी बारिश के कारण पश्चिम मेदिनीपुर जिले के घाटल क्षेत्र में आई भीषण बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस बाढ़ में 7 वर्षीय स्कूली बच्ची सहित तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिससे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
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| पश्चिम मेदिनीपुर में बारिश के कारण बाढ़ |
घाटल ब्लॉक की छह ग्राम पंचायतें और घाटल नगरपालिका के 13 वार्ड जलमग्न हो गए हैं, जिससे हजारों लोगों के घरों और आजीविका पर असर पड़ा है। भारी वर्षा के कारण शिलाबती नदी में पानी का स्तर बढ़ गया, जिसके कारण निचले इलाकों में पानी भर गया। हालांकि, घाटल बिंदु पर जलस्तर अब स्थिर हो गया है, जबकि शिलाबती नदी का ऊपरी भाग धीरे-धीरे घट रहा है, जिससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कुछ राहत की उम्मीद जगी है।
रविवार को एएनआई से बातचीत में घाटल एसडीओ सुमन बिस्वास ने कहा, “हमने अब तक 2 शव बरामद किए हैं, जिन्हें पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया है। मौत के वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर स्पष्ट होंगे। कल, 7 साल की एक स्कूली बच्ची की मौत की खबर आई थी, जिससे मृतकों की संख्या 3 हो गई है।”
उन्होंने बताया कि घाटल बिंदु पर जलस्तर स्थिर बना हुआ है और शिलाबती नदी के ऊपरी भाग बाका का जल स्तर धीरे-धीरे घट रहा है, लेकिन अभी भी घाटल ब्लॉक की 6 ग्राम पंचायतें और नगरपालिका के 13 वार्ड जलमग्न हैं। प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं, ताकि जलमग्न इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके। एनडीआरएफ और स्थानीय आपदा प्रबंधन दल नावों और अस्थायी राहत शिविरों की सहायता से प्रभावित लोगों को राशन, पीने का पानी और दवाइयाँ उपलब्ध करा रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में भी मानसून की तबाही, 95 लोगों की मौत
पश्चिम बंगाल के साथ-साथ मानसून का प्रकोप हिमाचल प्रदेश में भी जारी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, 20 जून से 12 जुलाई, 2025 के बीच भारी बारिश, भूस्खलन, अचानक बाढ़ और बादल फटने जैसी घटनाओं में राज्यभर में कुल 95 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 56 मौतें सीधे वर्षाजनित आपदाओं के कारण हुई हैं, जबकि 39 मौतें सड़क दुर्घटनाओं के चलते दर्ज की गईं।
ज़िलेवार विवरण के अनुसार:
- मंडी ज़िले में सबसे ज्यादा 17 मौतें दर्ज हुई हैं।
- कांगड़ा में 12 लोगों की मौत हुई है।
- कुल्लू में 3 मौतें दर्ज की गई हैं।
- सड़क दुर्घटनाओं में सोलन और चंबा में 6-6 तथा कुल्लू में 7 मौतें दर्ज की गईं हैं।
संपत्ति और कृषि को भी भारी नुकसान
SDMA की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में संपत्ति, फसलों और पशुधन को अब तक 751.95 करोड़ रुपये (75,195 लाख रुपये) से अधिक का नुकसान हुआ है। अब तक 22,453 से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है, जिनमें 21,500 पोल्ट्री पक्षी शामिल हैं। इसके अलावा मानसून जनित आपदाओं में 1,026 लोग घायल हुए हैं, 371 घर पूरी तरह नष्ट और 1,093 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। राज्य में कई सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हैं, जिससे आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं और राहत कार्य प्रभावित हो रहा है।
पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश में प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। पश्चिम बंगाल में नावों और मोटरबोट की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और राहत शिविरों में शुद्ध पानी, राशन और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया कराई जा रही हैं। वहीं, हिमाचल प्रदेश में भी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन द्वारा आपातकालीन संचालन किया जा रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन और अनियमित मानसून पैटर्न भी इन आपदाओं की आवृत्ति बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। मौसम विभाग ने बंगाल और हिमाचल में अगले कुछ दिनों तक रुक-रुक कर बारिश जारी रहने की संभावना जताई है, जिससे प्रशासन को सतर्क रहने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।


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