Operation Sindhu: 517 भारतीयों की सुरक्षित वापसी

Operation Sindhu की शुरूआत जून 2025 में हुई, जब भारत सरकार ने तेहरान के इजरायल-ईरान संघर्ष के बढ़ते संकट के बीच अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए यह ऑपरेशन चलाया। अब तक Operation Sindhu के तहत कुल 517 भारतीयों को सुरक्षित भारत वापस लाया गया है, जिसमें छात्रों, तीर्थयात्रियों और अन्य नागरिकों की विविध श्रेणियाँ शामिल हैं।

Indian nationals return to India from Iran under Operation Sindhu

विशेष उड़ानों और एयरस्पेस सहयोग का विस्तृत विश्लेषण

ऑपरेशन सिंधु (Operation Sindhu) के अंतर्गत भारत सरकार ने इज़राइल-ईरान युद्ध के कारण संकट में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए बहुस्तरीय कूटनीतिक और रणनीतिक प्रयास किए। इस ऑपरेशन का सबसे प्रमुख हिस्सा रहा ईरानी एयरस्पेस का अस्थायी तौर पर खोला जाना, जो कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय संघर्ष की स्थिति में एक दुर्लभ और जटिल प्रक्रिया मानी जाती है।

21 जून 2025 को तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात (Ashgabat) से एक विशेष एयर इंडिया चार्टर उड़ान ने उड़ान भरकर नई दिल्ली में सुरक्षित लैंड किया। यह उड़ान उन भारतीय नागरिकों को लेकर आई जो ईरान के तेहरान (Tehran) और माशहद (Mashhad) जैसे संवेदनशील क्षेत्रों से निकाले गए थे। यह उड़ान MEA (विदेश मंत्रालय) और भारतीय दूतावास, तेहरान के समन्वय से आयोजित की गई।

इससे पहले ईरानी सरकार ने भारत को 1,000 छात्रों को निकालने के लिए अपने एयरस्पेस का सीमित समय के लिए उपयोग करने की विशेष अनुमति दी थी। यह कदम दोनों देशों के बीच सहयोग और मानवीय सरोकारों को दर्शाता है। इसी अनुमति के तहत तीन चार्टर फ्लाइट्स को उड़ान भरने की इजाजत मिली, जिसने छात्रों को पहले अरमेनिया और तुर्कमेनिस्तान जैसे सुरक्षित पड़ोसी देशों में पहुंचाया, और फिर वहाँ से उन्हें भारत लाया गया।

इन उड़ानों की योजना बनाते समय सुरक्षा, मेडिकल सुविधाएं, इमिग्रेशन अनुमति, और स्थायी संपर्क व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं। हवाई अड्डों पर विशेष वेलफेयर डेस्क, मेडिकल टीम, और रेस्क्यू यूनिट को तैनात किया गया था।

यह पूरा प्रयास एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के अंतर्गत किया गया, जिसमें एयर इंडिया, MEA, इरानी नागरिक उड्डयन प्राधिकरण, और लोकल लॉजिस्टिक्स एजेंसियों का अहम योगदान रहा। यह भी ध्यान देने योग्य है कि युद्ध के चलते लगातार बदलते हालात के बीच उड़ानों की टाइमिंग और रूट तय करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसे भारत ने बखूबी निभाया।

Indian nationals return to India from Iran under Operation Sindhu

इस हिस्से का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि:

  • यह बताता है कि भारत न केवल जमीनी संकटों से निपटने में सक्षम है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समन्वय और कूटनीति के ज़रिये अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

  • एयरस्पेस खोलना एक बड़ा रणनीतिक कदम है, जो सामान्य परिस्थितियों में नहीं किया जाता। इससे यह भी पता चलता है कि भारत और ईरान के बीच संकट की घड़ी में भी विश्वास बना हुआ है।

  • यह MEA की त्वरित प्रतिक्रिया और लॉजिस्टिक दक्षता का उदाहरण है, जिसमें विदेशों में फंसे भारतीयों को कम से कम समय में राहत पहुंचाई गई।

2. पहले बैच की सफल वापसी और जिम्मेदारी

18 जून को पहले बैच में 110 भारतीय छात्र सुरक्षित रूप से लौटे, जिन्हें पहले अरमेनिया पहुंचाया गया और फिर विमान के जरिए दिल्ली आए। यह Operation Sindhu के पहले चरण का हिस्सा था और अब तक कुल 517 नागरिकों की सफल वापसी का संकेत है। यह पहल ‘Operation Ganga’ (Украина में) जैसी बड़ी सफलताओं को दोहराती है।

नागरिकों का अनुभव और राहत

टीईएचआरआन, माशहद और अन्य क्षेत्रों से लौटे नागरिकों ने Operation Sindhu का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्हें घर लौटने में अभूतपूर्व टीकाकरण मिला। ज़फ़्फ़र अब्बास नक़्वी ने कहा कि उन्हें अचानक संकट का सामना करना पड़ा, जब मिसाइल हमलाओं की खबर मिली, और उन्होंने सरकारी कार्रवाई को बेहद तेज बतायाकुलसुम और मोहम्मद अली काज़िम ने भी मानवीय मदद और सुरक्षित वापसी पर धन्यवाद किया।

संघर्ष के बीच सुरक्षित निकासी

इस ऑपरेशन का लक्ष्य था उन इलाकों से नागरिकों को निकालना जहाँ युद्ध के चलते उन्हें सीधे खतरा था। ईरान-इजरायल संघर्ष की नौवीं तारीख तक पहुंचने पर (13 जून के बाद शुरू हुआ), 639 लोग इरान में मारे गए और तेहरान को भी हमलों में शामिल किया गया

भारत-ईरान-तुर्कमेनिस्तान सहयोग

Operation Sindhu को सफल बनाने में इरान द्वारा एयरस्पेस खोलना महत्वपूर्ण साबित हुआ। तीन चार्टर उड़ानें चलीं, जिससे करीब 1,000 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया । यह सहयोग क्षेत्रीय मानवता का एक उदाहरण है।

राजनयिक समन्वय और संकट प्रबंधन

इस ऑपरेशन में भारत के विदेश मंत्रालय (MEA), भारत की तेहरान एम्बेसी, इरानी अधिकारी, अरमेनिया और तुर्कमेनिस्तान की सरकारों ने मिलकर Operation Sindhu को क्रियान्वित किया। राजधानी दिल्ली में कंट्रोल रूम और 24×7 हेल्पलाइन ने इसे समयबद्ध बनाया

दिल्ली हवाईअड्डे पर नागरिकों ने “वंदे मातरम्” और “भारत माता की जय” के नारों के साथ स्वागत किया । कई छात्रों ने मिसाइलों और ड्रोन हमलों की डरावनी घटनाओं का हवाला दिया

Operation Sindhu अभी जारी है और कई और उड़ानों की योजना बन रही है । लगभग 4,000 भारतीय अभी भी इरान में हैं, जिनमें से कई छात्र हैं।

Operation Sindhu की सफलता यह दर्शाती है कि संकट के समय जब सरकार, विदेश विभाग और स्थानीय संस्थान मिलकर कार्य करते हैं, तो नागरिकों की जान बचाना संभव हो पाता है। इस मिशन में अब तक 517 नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हुई, और लाखों परिवार राहत की सांस ले रहे हैं।

Source | ANI

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